भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि, जीनोम संपादित धान की दो नई किस्में की विकसित

Estimated read time 1 min read

‘कमला’ और ‘पूसा डीएसटी राइस-1’ से होगा जलवायु परिवर्तन का सामना और बढ़ेगा उत्पादन

नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने जीनोम एडिटिंग तकनीक के माध्यम से धान की दो अत्याधुनिक किस्में विकसित की हैं, जो कम लागत, कम पानी और कम समय में अधिक उत्पादन देने में सक्षम हैं। इन किस्मों के जरिए भारत ने दुनिया में पहली बार जीनोम संपादित चावल की किस्में व्यावसायिक रूप से तैयार करने का कीर्तिमान रच दिया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘कमला (डीआरआर-100)’ और ‘पूसा डीएसटी राइस-1’ नामक इन किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया।

चौहान ने इसे भारतीय कृषि शोध की “ऐतिहासिक छलांग” बताते हुए कहा कि ये किस्में दूसरी हरित क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेंगी और जल्द ही किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी। इनसे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी।

जलवायु-उपयुक्त और उच्च उत्पादकता वाली किस्में

कमला और पूसा डीएसटी राइस-1 किस्में जीनोम संपादन तकनीक से तैयार की गई हैं, जिसमें फसलों के डीएनए में सूक्ष्म परिवर्तन कर उन्हें अधिक उत्पादक और अनुकूल बनाया गया है। इन पर आईसीएआर ने 2018 से कार्य किया और इन्हें भारत के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, यूपी, बंगाल, आंध्र, तमिलनाडु आदि की परिस्थितियों के अनुसार विकसित किया गया है।

इन किस्मों से देश में लगभग 45 लाख टन अतिरिक्त धान उत्पादन का अनुमान है, साथ ही ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 20% की कमी और सिंचाई की संख्या में भी तीन बार तक की कटौती संभव होगी।

कमला और पूसा डीएसटी राइस-1 की विशेषताएं

कमला (DRR-100) को हैदराबाद स्थित भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान ने प्रसिद्ध सांबा महसूरी से विकसित किया है। यह किस्म 20 दिन पहले तैयार हो जाती है, कम पानी की जरूरत होती है और उपज 20–30% अधिक हो सकती है।

पूसा डीएसटी राइस-1 को पूसा (नई दिल्ली) द्वारा एमटीयू 1010 किस्म से विकसित किया गया है। यह खासकर दक्षिण भारत के रबी मौसम के लिए उपयुक्त है और 20% अधिक उपज देती है।

इन सफलताओं के पीछे वैज्ञानिकों की एक टीम का योगदान रहा है, जिनमें डॉ. सत्येंद्र मंग्राउथिया, डॉ. आर.एम. सुंदरम, डॉ. विश्वनाथन सी, डॉ. अर्चना वत्स और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours