सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की नापाक हरकत, शशि थरूर ने शायरी में सुनाई खरी-खोटी

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रॉकेट हमले से कुछ घंटे पहले भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच संघर्ष विराम पर बनी थी सहमति

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में शांति वार्ता की कोशिशों के बीच पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है, जिससे देशभर में गुस्से का माहौल है। इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान की दोहरी नीतियों पर शायराना अंदाज में तीखा तंज किया है।

पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “उसकी फितरत है मुकर जाने की, उसके वादे पे यकीन कैसे करूं?” — इस शेर के जरिए उन्होंने पाकिस्तान की अविश्वसनीयता को उजागर किया।

शनिवार रात नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से पाकिस्तान की ओर से रॉकेट दागे गए। इससे कुछ समय पहले ही शशि थरूर ने एक समाचार एजेंसी से कहा था कि, “शांति की जरूरत है और यह प्रयास सराहनीय है, पर हमें पूरी जानकारी मिलना आवश्यक है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत कभी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कठोर संदेश देना भी जरूरी है। उनके अनुसार, भारत ने अपनी कार्रवाई से यह संदेश दे दिया है।

सीजफायर उल्लंघन के पीछे पाकिस्तान का असली चेहरा

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें दोनों देशों ने गोलीबारी रोकने पर सहमति जताई थी। लेकिन इस समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी। भारतीय सेना ने इस उकसावे का सख्त जवाब दिया और सीमा पर स्थिति को नियंत्रण में लिया।

सीजफायर की आधिकारिक घोषणा

विदेश सचिव के मुताबिक, शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष को फोन कर संघर्ष विराम की पुष्टि की थी। दोनों देशों ने शाम 5 बजे से ज़मीनी, हवाई और समुद्री सीमाओं पर सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया था।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’: आतंक के अड्डों पर करारा वार

6-7 मई की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह कार्रवाई रात 1:05 बजे शुरू होकर 1:30 बजे तक चली। 25 मिनट की इस सटीक ऑपरेशन में 24 मिसाइलें दागी गईं, जिससे नौ आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया — जिनमें से पांच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में और चार पाकिस्तान के अंदर थे। इन शिविरों में आतंकी भर्ती, प्रशिक्षण और रणनीतिक योजना बनाई जाती थी। इस कार्रवाई में आतंकी सरगना मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य भी मारे गए।

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